सस्ते और मजबूत जूते

क्या 27% OBC आरक्षण के साथ संभव हैं MP Panchayat चुनाव

जैसा की आप सभी को पता है की MP पंचायत चुनाव सरकार द्वारा निरस्त कर दिए गए हैं तो ऐसे में ये सवाल जरूर उठता है की क्या 27% OBC आरक्षण के साथ संभव हैं MP Panchayat चुनाव. आज की पोस्ट में यही जानकारी आपको देने की कोसिस करने वाला हूँ. एमपी में पंचायत चुनाव कब तक होगा ये तो नहीं कह सकते हैं पर 27 % ओबीसी आरक्षण की गुत्थी जरूर सुलझा दूँगा. तो पोस्ट को पढ़ते रहिये.

एमपी में पंचायत चुनाव को लेकर बहुत ज्यादा पार्टियों के बीच घमासान देखने को मिला है. बीजेपी का कहना है कि सब रायता कांग्रेस द्वारा फैलाया गया है और कांग्रेस कहती है की सब किया धराया बीजेपी का है. पर इन सभी से नुक्सान केवल सरपंच प्रतिनिधियों और जनता का है.

mp panchayat chunav 27% obc arakshan ke saath

27% OBC आरक्षण  का पेंच MP Panchayat चुनाव में क्यों फंसा ?

आपको तो पता ही होगा कि सरकार द्वारा 2019 का पहले परिसीमन निरस्त कर दिया गया था फिर आरक्षण ,यह कहकर की 1 साल से ज्यादा चुनाव न होने की स्थिति में परिसीमन अपने आप ही समाप्त हो जाता है ऐसे में जो पंचायतें नयी बनी हुई थीं उन सभी को फिर से उसी ग्राम पंचायत जोड़ दिया गया जिसमे वो पहले से जुड़ीं थीं. ये प्रक्रिया न तो किसी के समझ में आयी और न कोई इससे खुश नजर आया.

इसका कारण ये था कि जो लोग 2 साल से चुनाव लड़ना चाहते थे और अपनी भरपूर तैयारी में जुटे थे उनको बहुत बड़ा धक्का लगा. क्योंकि उनके सपनों पर तो पानी ही फिर गया क्योंकि सभी सीटें 2014 के हिसाब से पुराने आरक्षण पर वापिस आ गयीं थीं. कई लोग तो ऐसे थे जिन्होंने लाखों रुपये खर्च कर दिए थे.

अब ये सब होने के बाद सभी प्रत्याशियों ने पहले हाई कोर्ट में याचिकाएं लगाईं जिसमे कांग्रेस का सबसे बड़ा हाँथ था. इन सभी की मांग थीं कि 2019 में जो परिसीमन और आरक्षण हुआ था उसे वापिस लाया जाए. हाई कोर्ट में सुनवाई हुई तो उन्होंने कह दिया की चुणाव आयोग ने तारीखें घोषित कर दी हैं अब हम कुछ नहीं कर सकते हैं आप सुप्रीम कोर्ट जाएँ.

सभी याचिका कर्ता सुप्रीम कोर्ट गए तो उन्होंने बोला है आप फिर से हाई कोर्ट जाएं वहां पर अर्जेन्ट सुनवायी को हम उनसे बोल देंगे. याचिका कर्ता फिर अर्जेंट सुनवाई के लिए हाई कोर्ट गए तो हाई कोर्ट ने अर्जेंट सुनवाई से मना कर दिया जिससे फिर से सभी याचिका कर्ता सुप्रीम कोर्ट चले गए. 

अब सुप्रीम कोर्ट में पहले से ही महाराट्र का केस चल रहा था ओबीसी आरक्षण को लेकर जिसमे महारास्त्र सरकार केस हार चुकी थी. जैम एमपी पंचायत चुनाव की सुनवाई हुई तो कोर्ट ने साफ़ साफ़ कह दिया की आप आग से न खेलें, चुनाव कानून के दायरे में रहकर करवाएं. 

जो फैसला महाराट्र सरकार को दिया गया वहीं एमपी में भी लागू कर दिया गया था कि टोटल आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यदि 50% से ज्यादा है तो बाकी की ज्यदा बची हुई सीटों को सामान्य मानकर चुनाव कराएं. एमपी में आरक्षण दर 50% से काफी ऊपर है.

अब चुनाव आयोग तो तैयार हो गया पर बीजेपी और कांग्रेस पार्टी इसके लिए तैयार नहीं हुईं क्योंकि एमपी में सबसे ज्यादा वोटर तो ओबीसी के हैं, उनके बिना एमपी पंचायत चुनाव कैसे करा सकती है सरकार, इसका कारण ये है की 2023 में विधान सभा के चुनाव होना है और दोनों ही पार्टियां अपने वोटर्स से क्यों दुश्मनी मोल लें.

तो दोनों ही पार्टियां एक साथ मिलीं और एक संकल्प पत्र पारित हुआ कि बिना 27% ओबीसी आरक्षण के पंचायत चुनाव नहीं होने देंगे. और फिर सिल सिला सुरु हुआ आरोप प्रत्यारोप का. दोनों ही पार्टियां एक दूसरे को ओबीसी का दुश्मन बताने लगीं.

फिर क्या अंत में सरकार द्वारा अपने नए अध्यादेश को वापिस ले लिया गया जिसमे 2014 के आरक्षण और परिसीमन को फिर से निरस्त कर दिया गया. अब चुनाव आयोग के पास कोई विकल्प ही नहीं बचा था तो उसने अंत में चुनाव की अधिसूचना निरस्त कर दी.

क्या 27% OBC आरक्षण के साथ संभव हैं MP Panchayat चुनाव

अब महत्वपूर्ण बात ये है की क्या 27% OBC आरक्षण के साथ संभव हैं MP Panchayat चुनाव. सभी को ये लग रहा है कि सरकार ओबीसी की गिनती करा रही है फिर ओबीसी मंडल को कुल वोटर्स कि लिस्ट दी जाएगी. इस लिस्ट को सरकार के पास भेजा जाएगा फिर सरकार और ओबीसी मण्डल 27% आरक्षण के लिए सिफारिश करेंगे जो लिस्ट सबसे बाद में आयोग को दी जायेगी. और एमपी में ग्राम पंचायत चुनाव संपन्न हो जाएंगे.

पर क्या आपने सुप्रीम कोर्ट का आदेश सुना है कि कुल आरक्षण 50% से ज्यादा नहीं होना चाहिए. यदि आप ओबीसी को 27% आरक्षण देते हैं तो कुल्ल आरक्षण 50% से बहुत ऊपर निकल जाएगा तो चुनाव कैसे हो सकते हैं. अब चाहे सरकार जैसी भी गिनती करा ले पर कुल आरक्षण 50% कैसे लेकर आ सकती है 27% ओबीसी के साथ.

अभी एमपी में आरक्षण अनुपात

OBC - 27%

SC - 16%

ST - 20%

कुल - 63%

अब आप ही बताएं कि चुनाव कैसे सम्भव हैं 63% आरक्षण के साथ. यदि सरकार को एमपी में पंचायत चुनाव कराना है तो किसी न किसी के आरक्षण को तो कम करना ही होगा. अब मुझे तो बिलकुल नहीं लगता है की सरकार 27% ओबीसी के साथ एमपी पंचायत चुनाव करा सकती है. सरकार लोगों को बेवकूफ बना रही है और कुछ नहीं.

निष्कर्ष - अब आप जान गए होंगे की क्या 27% OBC आरक्षण के साथ संभव हैं MP Panchayat चुनाव या नहीं. इस पोस्ट को ज्यादा से ज्यादा गांव के ऐसे लोगों तक पहुंचाएं जो सरपंच बनना चाते हैं और चुनाव की आस लगाए बैठे हैं. पोस्ट पसंद आयी है तो शेयर जरूर करें. 

धन्यवाद,

Post a Comment

0 Comments